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अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास 2020 में एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने लाखों हिंदुओं की आस्था और उम्मीदों को साकार किया। मंदिर निर्माण तक की यात्रा अनेक उतार-चढ़ावों से भरी रही, लेकिन इसमें सबसे उल्लेखनीय रहा लोगों का असीम समर्थन, जो दान और उपहारों के रूप में सामने आया। आइए, इस लेख में उन सभी दाताओं और उपहार देने वालों को याद करें जिन्होंने इस दिव्य मंदिर को साकार करने में अपना योगदान दिया।
व्यक्तिगत दाताओं का अमूल्य योगदान

राम मंदिर के निर्माण में देश-विदेश से बड़ी संख्या में व्यक्तियों ने आर्थिक सहयोग दिया। जिन दानदाताओं ने सार्वजनिक रूप से अपने दान की घोषणा की, उनके अनुमानित योगदान इस प्रकार हैं:
- उद्योगपति:
- मुकेश अंबानी: ₹500 करोड़
- गौतम अडानी: ₹200 करोड़
- रतन टाटा: ₹100 करोड़
- कुमार मंगलम बिड़ला: ₹75 करोड़
- फिल्म जगत:
- अक्षय कुमार: अज्ञात राशि (रिपोर्ट्स के अनुसार ₹5 करोड़ से अधिक)
- अजय देवगन: ₹1 करोड़
- अमिताभ बच्चन: ₹25 लाख
- ऋतिक रोशन: ₹50 लाख
- कार्तिक आर्यन: ₹25 लाख
- खेल जगत:
- सचिन तेंदुलकर: ₹2 करोड़
- विराट कोहली: ₹1 करोड़
- महेंद्र सिंह धोनी: ₹50 लाख
- पी.वी. सिंधु: ₹25 लाख
- अभिनव बिंद्रा: ₹10 लाख
- राजनीति जगत:
- नरेंद्र मोदी: अज्ञात राशि (प्रधानमंत्री कार्यालय की निधि से योगदान)
- योगी आदित्यनाथ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ₹100 करोड़
- अमित शाह: अज्ञात राशि
- शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ₹5 करोड़
- हेमंत सोरेन: झारखंड सरकार की ओर से ₹1 करोड़
इनके अलावा, लाखों व्यक्तियों ने अपनी क्षमतानुसार छोटी-छोटी राशि दान की, जिनका अनुमानित कुल योगदान कई सौ करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
अनोखे उपहारों का दिव्य स्पर्श

मंदिर को विशिष्ट और मूल्यवान उपहार भी प्राप्त हुए, जिनका वर्णन इस प्रकार है:
- तमिलनाडु से 27 फीट ऊँची हनुमान प्रतिमा: इस प्रतिमा की अनुमानित कीमत ₹5 करोड़ है और इसे बनाने में 3 साल का समय लगा।
- कर्नाटक से कांचीपुरम रेशमी ध्वजा: 70 शिल्पियों द्वारा 6 महीने में तैयार की गई इस ध्वजा में सोने के धागों का प्रयोग किया गया है और इसकी अनुमानित कीमत ₹2 करोड़ है।
- छत्तीसगढ़ से 108 शालिग्राम शिलाएँ: इन पवित्र शिलाओं का एक सेट करीब ₹10 लाख का होता है, इसलिए कुल मिलाकर इनका मूल्य अनुमानित ₹1 करोड़ होगा।
- ओडिशा से चंदन की लकड़ी की मूर्तियाँ:कुशल शिल्पियों द्वारा निर्मित 24 चंदन की लकड़ी की मूर्तियाँ रामचरितमानस के विभिन्न पात्रों को दर्शाती हैं। माना जाता है कि इन मूर्तियों को बनाने में 5 साल का समय लगा और इनका प्रत्येक का अनुमानित मूल्य ₹25 लाख है। इस प्रकार, इन मूर्तियों का कुल मूल्य लगभग ₹6 करोड़ होता है।
- राजस्थान से स्वर्ण कलश:जयपुर के शिल्पियों द्वारा निर्मित सुंदर स्वर्ण कलश मंदिर के शिखर पर विराजमान है। 22 किलो सोने से निर्मित इस कलश का वजन 40 किलो है और इसकी अनुमानित कीमत ₹15 करोड़ है।
- गुजरात से सोने का मुकुट:सोने, हीरे और अन्य कीमती पत्थरों से जड़ित यह आश्चर्यजनक मुकुट भगवान राम की मूर्ति को सुशोभित करता है। इसका वजन 101 किलो है और इसकी अनुमानित कीमत ₹11 करोड़ है।
- उत्तर प्रदेश से चांदी का सिंह द्वार:अयोध्या के ही कुशल कारीगरों द्वारा निर्मित यह भव्य चांदी का सिंह द्वार मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित है। इसमें देवी-देवताओं और रामायण से जुड़े दृश्यों को उकेरा गया है। इसकी अनुमानित कीमत ₹5 करोड़ है।
- दक्षिण भारत से सोने और चांदी के आभूषण:देश के विभिन्न दक्षिण भारतीय मंदिरों ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियों को सुशोभित करने के लिए सोने और चांदी के आभूषण दान किए हैं। इन आभूषणों का कुल मूल्य कई करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
- अन्य उपहार:मंदिर को कई अन्य उपहार भी मिले, जैसे घंटियाँ, दीपक, धार्मिक वस्त्र, और पूजा सामग्री। आने वाले दशकों में और भी उपहार दिए जाने की उम्मीद है क्योंकि मंदिर निर्माण अभी भी जारी है।
निष्कर्ष
- राम मंदिर का निर्माण केवल ईंट-पत्थरों से नहीं हुआ, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के विश्वास, उदारता और भक्ति से बना है। उनके दान और उपहारों ने न केवल मंदिर के भव्य स्वरूप को साकार किया है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि आस्था किसी भी बाधा को पार कर सकती है। राम मंदिर आने वाली पीढ़ियों के लिए हिंदू धर्म और संस्कृति का एक प्रमुख प्रतीक रहेगा, और इसे बनाने में योगदान देने वाले सभी लोगों को हमेशा याद किया जाएगा।
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