41. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी)

परिचय: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इसकी घोषणा 26 मार्च, 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी।

पैकेज के मुख्य घटक:

  • वित्तीय सहायता:
    • जन धन खातों में महिला जन धन खाताधारकों को ₹1000 की एकमुश्त राशि।
    • वृद्धों, विधवाओं और विकलांगों को राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत ₹1500 की एकमुश्त राशि।
    • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत किसानों को ₹2000 की किश्त।
    • मनरेगा के तहत मजदूरों को ₹2000 की अतिरिक्त मजदूरी।
    • भवन और निर्माण श्रमिकों को ₹5000 की वित्तीय सहायता।
  • खाद्य सुरक्षा:
    • प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत लाभार्थियों को अप्रैल, मई और जून 2020 में मुफ्त खाद्यान्न।
  • अन्य:
    • ईपीएफओ के सदस्यों को 75 दिनों के लिए गैर-वापसी योग्य अग्रिम।
    • वृद्धों, विधवाओं और विकलांगों को मुफ्त उज्ज्वला गैस सिलेंडर।
    • स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए ₹50 लाख का बीमा कवर।

लाभार्थी:

पीएमजीकेपी के लाभार्थियों में शामिल हैं:

  • महिला जन धन खाताधारक
  • राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत वृद्ध, विधवाएं और विकलांग
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत किसान
  • मनरेगा के तहत मजदूर
  • भवन और निर्माण श्रमिक
  • प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत लाभार्थी
  • ईपीएफओ के सदस्य
  • वृद्ध, विधवाएं और विकलांग

प्रगति:

सरकार ने पीएमजीकेपी के तहत विभिन्न लाभार्थियों को वित्तीय सहायता और अन्य लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 22 अप्रैल, 2020 तक, 33 करोड़ से अधिक गरीब लोगों को ₹31,235 करोड़ की प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

महत्व:

पीएमजीकेपी ने COVID-19 महामारी के दौरान गरीबों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, वित्तीय सहायता प्रदान करने और कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद की है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत वित्तीय सहायता

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पहल है। इस पैकेज के तहत, विभिन्न वर्गों के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

यहां पीएमजीकेपी के तहत प्रदान की गई प्रमुख वित्तीय सहायता का विवरण दिया गया है:

1. महिला जन धन खाताधारकों को ₹1000:

  • 20.65 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को ₹10,325 करोड़ की पहली किश्त जमा की गई।
  • 20.63 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को ₹10,315 करोड़ की दूसरी किश्त जमा की गई।
  • 20.62 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को ₹10,312 करोड़ की तीसरी किश्त जमा की गई।

2. वृद्धों, विधवाओं और विकलांगों को ₹1500:

  • लगभग 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को दो किश्तों में कुल ₹2,814.5 करोड़ वितरित किए गए।

3. किसानों को ₹2000:

  • 8.94 करोड़ लाभार्थियों को पीएम-किसान की पहली किश्त के भुगतान के लिए ₹17,891 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई।

4. मनरेगा मजदूरों को ₹2000:

  • मनरेगा के तहत मजदूरों को उनकी मजदूरी के अलावा ₹2000 की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई।

5. भवन और निर्माण श्रमिकों को ₹5000:

  • 1.82 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को ₹4,987.18 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल पीएमजीकेपी के तहत प्रदान की गई वित्तीय सहायता का एक संक्षिप्त विवरण है। पैकेज के तहत अन्य लाभ भी प्रदान किए गए थे, जैसे कि मुफ्त खाद्यान्न, मुफ्त गैस सिलेंडर और स्वास्थ्य बीमा।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) में खाद्य सुरक्षा

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी), भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के दौरान गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पहल थी। इस पैकेज के तहत, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए थे।

यहां पीएमजीकेपी के तहत खाद्य सुरक्षा से संबंधित प्रमुख पहलों का विवरण दिया गया है:

1. प्रधानमंत्री गरीब अन्न योजना (पीएमजीएवाई) के तहत मुफ्त खाद्यान्न:

  • अप्रैल, मई और जून 2020 में, पीएमजीएवाई के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया था।
  • यह अतिरिक्त राशन मौजूदा कोटा के अतिरिक्त था जो लाभार्थियों को पहले से ही मिल रहा था।

2. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत लाभार्थियों को कम कीमत पर खाद्यान्न:

  • NFSA के तहत लाभार्थियों को गेहूं और चावल ₹3 प्रति किलोग्राम और ₹5 प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर प्रदान किए गए थे।
  • इस योजना ने यह सुनिश्चित करने में मदद की कि गरीबों को लॉकडाउन के दौरान भी सस्ती कीमतों पर भोजन उपलब्ध रहे।

3. ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण:

  • लॉकडाउन के दौरान, लोगों को घर बैठे ही खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की सुविधा शुरू की थी।
  • इस पहल ने लोगों को अपनी सुविधानुसार खाद्यान्न खरीदने में मदद की और सामाजिक दूरी बनाए रखने में भी योगदान दिया।

4. किसानों से अनाज की खरीद में वृद्धि:

  • सरकार ने किसानों से अनाज की खरीद में वृद्धि की ताकि बफर स्टॉक को मजबूत किया जा सके और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • इस कदम ने किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमतें प्राप्त करने में भी मदद की।

पीएमजीकेपी के तहत किए गए इन उपायों ने COVID-19 महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन पहलों ने यह सुनिश्चित करने में मदद की कि गरीबों को लॉकडाउन के दौरान भी भोजन तक पहुंच प्राप्त हो सके और वे महामारी के प्रतिकूल प्रभावों से प्रभावित न हों।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) के लाभार्थी:

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पहल थी। इस पैकेज के तहत वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा और अन्य लाभ प्रदान किए गए थे।

पीएमजीकेपी के लाभार्थियों में विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे, जिनमें:

1. महिला जन धन खाताधारक:

  • 20.65 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को ₹1000 की एकमुश्त राशि प्रदान की गई थी।

2. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) के तहत वृद्ध, विधवाएं और विकलांग:

  • लगभग 2.81 करोड़ बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगजनों को ₹1500 की एकमुश्त राशि प्रदान की गई थी।

3. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत किसान:

  • 8.94 करोड़ किसानों को ₹2000 की किश्त प्रदान की गई थी।

4. मनरेगा के तहत मजदूर:

  • मनरेगा के तहत मजदूरों को उनकी मजदूरी के अलावा ₹2000 की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई थी।

5. भवन और निर्माण श्रमिक:

  • 1.82 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को ₹5000 की वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी।

6. अन्य लाभार्थी:

  • इस पैकेज के तहत ईपीएफओ के सदस्यों, अनorganized क्षेत्रों में कम वेतन पाने वालों, वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, विकलांगों और गरीब परिवारों को भी लाभ प्रदान किए गए थे।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि लाभार्थियों की पात्रता योजना के अनुसार निर्धारित की गई थी। अधिक जानकारी के लिए, आप पीएमजीकेपी के राष्ट्रीय पोर्टल पर जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी): प्रगति

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक पहल थी। 26 मार्च, 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इसकी घोषणा की गई थी।

पैकेज के तहत, विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा और अन्य लाभ प्रदान किए गए थे।

यहां पीएमजीकेपी के तहत प्रमुख उपलब्धियों का विवरण दिया गया है:

वित्तीय सहायता:

  • महिला जन धन खाताधारकों: 20.65 करोड़ महिला जन धन खाताधारकों को ₹1000 की एकमुश्त राशि के दो किश्तों में वितरित किए गए, जिसके लिए कुल ₹20,650 करोड़ खर्च किए गए।
  • एनएसएपी लाभार्थी: 2.81 करोड़ वृद्धों, विधवाओं और विकलांगों को ₹1500 की एकमुश्त राशि के दो किश्तों में वितरित किए गए, जिसके लिए कुल ₹4,215 करोड़ खर्च किए गए।
  • पीएम-किसान लाभार्थी: 8.94 करोड़ किसानों को ₹2000 की किश्त प्रदान की गई, जिसके लिए कुल ₹17,880 करोड़ खर्च किए गए।
  • मनरेगा मजदूर: मनरेगा के तहत मजदूरों को उनकी मजदूरी के अलावा ₹2000 की अतिरिक्त राशि प्रदान की गई।
  • भवन और निर्माण श्रमिक: 1.82 करोड़ भवन और निर्माण श्रमिकों को ₹5000 की वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिसके लिए कुल ₹9,100 करोड़ खर्च किए गए।
  • अन्य लाभार्थी: ईपीएफओ के सदस्यों, अनorganized क्षेत्रों में कम वेतन पाने वालों, वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, विकलांगों और गरीब परिवारों को भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

खाद्य सुरक्षा:

  • पीएमजीकेएवाई: अप्रैल, मई और जून 2020 में, पीएमजीकेएवाई के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया।
  • एनएफएसए: NFSA के तहत लाभार्थियों को गेहूं और चावल ₹3 प्रति किलोग्राम और ₹5 प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर प्रदान किए गए।
  • ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म: लॉकडाउन के दौरान, लोगों को घर बैठे ही खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए, सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण की सुविधा शुरू की थी।
  • किसानों से अनाज की खरीद: सरकार ने किसानों से अनाज की खरीद में वृद्धि की ताकि बफर स्टॉक को मजबूत किया जा सके और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह पीएमजीकेपी के तहत किए गए कार्यों का केवल एक संक्षिप्त विवरण है। पैकेज के तहत कई अन्य पहल भी शुरू की गई थीं, जिनका उद्देश्य गरीबों को महामारी के प्रभाव से बचाना था।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) का महत्व

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) भारत सरकार द्वारा COVID-19 महामारी के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव से गरीबों को राहत प्रदान करने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल थी। 26 मार्च 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित इस पैकेज ने वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा और अन्य लाभों के माध्यम से गरीबों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।

पीएमजीकेपी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

1. गरीबों को तत्काल राहत:

लॉकडाउन के कारण, कई गरीब लोगों ने अपनी आजीविका खो दी और अत्यधिक आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ा। पीएमजीकेपी ने इन लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करके राहत प्रदान की। महिला जन धन खाताधारकों, बुजुर्गों, विधवाओं, विकलांगों, किसानों, मनरेगा मजदूरों और भवन और निर्माण श्रमिकों सहित विभिन्न वर्गों के लोगों को सीधे धन हस्तांतरित किया गया।

2. खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना:

लॉकडाउन के दौरान, खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चिंता का विषय बन गई थी। पीएमजीकेपी ने पीएमजीकेएवाई के तहत अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करके और NFSA के तहत रियायती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराकर इस चिंता को दूर करने में मदद की।

3. कमजोर वर्गों की सहायता:

पीएमजीकेपी ने न केवल गरीबों को बल्कि ईपीएफओ के सदस्यों, अनorganized क्षेत्रों में कम वेतन पाने वालों, वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं, विकलांगों और गरीब परिवारों जैसे कमजोर वर्गों को भी सहायता प्रदान की।

4. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना:

पीएमजीकेपी द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता ने लोगों को खर्च करने की शक्ति प्रदान की, जिससे अर्थव्यवस्था को कुछ हद तक बढ़ावा मिला।

5. सरकार की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन:

पीएमजीकेपी ने गरीबों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया और यह सुनिश्चित करने के लिए उसके दृढ़ संकल्प को दर्शाया कि वे महामारी के कठिन समय में अकेले न रहें।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) COVID-19 महामारी के दौरान गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा था। इसने वित्तीय सहायता, खाद्य सुरक्षा और अन्य लाभ प्रदान करके लाखों लोगों को राहत प्रदान की। पीएमजीकेपी भारत सरकार द्वारा गरीबों के कल्याण के लिए किए गए ठोस प्रयासों का एक प्रमाण है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीएमजीकेपी सरकार द्वारा गरीबों की सहायता के लिए किए गए कई प्रयासों में से एक था। अन्य योजनाओं और पहलों ने भी महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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